प्रतापगढ़ में छुट्टा गोवंश किसानों के लिए बने काल, किसानों की गाढ़ी कमाई को कर रहे हैं बर्बाद

प्रतापगढ़ में छुट्टा गोवंश किसानों के लिए बने काल, किसानों की गाढ़ी कमाई को कर रहे हैं बर्बाद

प्रतापगढ 


24.02.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



प्रतापगढ़ में छुट्टा गोवंश किसानों के लिए बने काल,किसानों की गाढी कमाई को  कर रहे हैं बरबाद



उत्तर प्रदेश में  विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है एक बार फिर सरकार 2022 विधानसभा चुनाव में 300 पार का नारा देकर किसानों की आय को दोगुना करने के वादे के साथ 2022 विधानसभा चुनाव जीतने का दम भर रही है, वहीं दूसरी ओर हिंदू वोट बैंक के लिए चलाया गया ट्रंप कार्ड गाय और गोवंश संरक्षण  उल्टा पड़ता नजर आ रहा है।  सरकार का वादा था कि 2022 में किसानों की आय दोगुनी होगी लेकिन छुट्टा  गोवंश ने किसानों को भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।किसान के खेतों  में जंगली नीलगाय और जंगली जानवरों  का खतरा तो था ही जहां किसान किसी न किसी तरह से जंगली नीलगाय और जंगली जानवरों से  अपनी फसल को बचा रहा था, वहीं छुट्टा गोवंश पूरी फसल को तहस-नहस कर रहे हैं। किसान की फसल पर उचित समर्थन मूल्य तो तब मिलेगा जब फसल तैयार होगी। खेतों में एक साथ सैकड़ों की संख्या  में गोवंश  के घुसने से पूरी फसल नष्ट हो जाती है।  आखिर किसान क्या करें आय दुगनी हुई नहीं गोवंश से किसान की फसल बची नहीं, गोवंश को बेच सकता नहीं तो सोचो की फसल तैयार होगी कैसे। गाय और गोवंश संरक्षण के लिए गौशाला तो खोली गई हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में जितनी भी गौशाला हैं उन्हें गाय और गोवंश संरक्षण के लिए नहीं खोला गया  यदि गाय और गोवंश संरक्षण के लिए खोला गया होता एक भी गाय और छुट्टा गोवंश किसानों की फसलों को नहीं खा रहे होते। गाय और गोवंश संरक्षण के लिए खोली गई गौशालाओं में खुला भ्रष्टाचार हो रहा है। गाय और गोवंश संरक्षण के नाम पर ग्राम प्रधान और खंड विकास अधिकारी गाय और गोवंश के नाम पर आने वाला  लाखों रुपये का चारा डकार रहे हैं। जितनी गायें और गोवंश गौशालाओं में नहीं है उससे कई गुना छुट्टा गोवंश किसानों का खेत बरबाद कर रहे हैं।सरकार किसान सम्मान निधि के नाम पर साल में 6000 रुपये देकर  किसानों की लाखों रुपये की फसल साल भर की मेहनत को छुट्टा गोवंश से बर्बाद करवा रही है, आखिर उत्तर प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी होगी कैसे लाखों की फसल छुट्टा गोवंश खा जाते हैं क्या 6000 रुपये से किसान सम्मान निधि के नाम पर उत्तर प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी।यदि सरकार चाहती है कि गाय और गोवंश का संरक्षण हो तो गाय और गोवंश पालकों को आर्थिक अनुदान दिया जाए । और जो गाय और गोवंश सुरक्षित और संरक्षित रखने के लिए गौशाला खोली गई हैं इस पर विशेष रूप से ध्यान रखने के लिए अलग से एक निगरानी समिति बनाई जाए।जो गोशाला खोली गई हैं वहां न तो गाय और गोवंश का संरक्षण हो रहा है और न ही गाय और गौवंश को भरपेट चारा मिल रहा है। यही कारण है कि कई गौशालाओं में सैकड़ों गोवंश की मरने की खबरें आती रहती हैं। उसके बाद ग्राम प्रधान ग्राम, विकास अधिकारी, खंड विकास अधिकारी गाय और गोवंश पर लीपापोती शुरू कर देते हैं 4 दिन खबरें मीडिया में चलती हैं गाय और गोवंश को 4 दिन चारा दिया जाता और फिर उसी चारे के नाम पर भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है। संबंधित अधिकारियों को गाय और गोवंश के नाम पर मोटी कमाई  धन उगाही का जरिया बन गया है। किसान फिर भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उसकी न तो आय दोगुनी हुई और न ही  सरकार की  नीतियो से छुट्टा गोवंश से उसकी फसल की रक्षा ही हुई।छुट्टा गोवंश के कारण किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है।एक ओर खाद और बीज की मंहगाई किसान की कमर तोड़ दिया है तो दूसरी ओर छुट्टा गोवंश उसकी गाढी कमाई को रात-दिन चट करने में जुटा हुआ है।किसान रात-दिन खेत की रखवाली करने के लिए मजबूर हो गया है।इतने के बाद भी उसकी फसल सुरक्षित नहीं रह पा रही है जो अत्यंत सोचनीय पहलू बन कर रह गया है।

Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *