उपन्यास "एका" पर आधारित नाटक "सीताराम" की प्रस्तुति में किया युवा नाट्य कलाकारों ने मनमोहक प्रदर्शन

प्रतापगढ
06.04.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
उपन्यास "एका" पर आधारित नाटक "सीताराम" की प्रस्तुति में किया युवा नाट्य कलाकारों ने मनमोहक प्रदर्शन
,
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ और लोकयात्री सामाजिक संस्थान प्रतापगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में और आईएसडी दिल्ली के सहयोग से राजीव कुमार पाल के उपन्यास ‘एका” पर आधारित नाटक “सीताराम” का मंचन भदोहीं गाँव में हुआ इस नाटक का लेखन व निर्देशन राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने किया।यह नाटक चौरी चौरा काण्ड के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी ने इस अवसर पर देशभक्ति से सम्बन्धित नाटक तैयार करने का और ऐसी जगह पर रंगमंच करने का फैसला लिया जहाँ पर कभी नाटक न हुआ हो।उक्त नाटक सन 1920 में प्रतापगढ़ की ज़मीन से शुरू हुए अवध किसान आन्दोलन के बारे में था इस नाटक में दिखाया गया की कैसे बाबा रामचन्द्र,झिंगुरी सिंह ,जग्गी देवी,सहदेव के अगुवाई में पूरे अवध में यह आन्दोलन छा जाता है इस आन्दोलन से अवध के तालुकेदार और अँगरेज़ घबरा जाते है वह इस आन्दोलन का दमन करते हैं रायबरेली के मुंशीगंज में जब वीरपाल सिंह की हवेली घेर ली जाती है तो अँगरेज़ और राजा वीरपाल की सेना उनको सईं नदी में मारकर गिरा देती है इस नाटक में यह दिखाया गया की हमारे प्रतापगढ़ की ज़मीन से भी आज़ादी के आन्दोलन में योगदान दिया गया था नाटक के साथ साथ गाँव में कोरोना से बचाव झांकी दिखाई गई जो पूरे आयोजन का प्रमुख आकर्षण बनी हुई थी।इस नाटक में अभिनय करने वालो में कपिल सिंह,विपिन सिंह,अंशुमान सिंह ,रवि पासवान,विनय कुमार सिंह,शिवांश सिंह,राज सिंह ,सनी पटेल,दुर्गाशंकर सिंह,विवेक सिंह , अमित सरोज और अंश मुख्य रूप से थे|नाटक का सहनिर्देशन सुग्रीव विश्वकर्मा ने किया और ढोलक पर शंकरलाल और हारमोनियम पर साथ में दिनेश यादव थे।
Comments