नारद शिष्य ध्रुव ने अटल तपस्या से भगवान का मन मोह लिया --आचार्य विद्या भूषण मिश्र

नारद शिष्य ध्रुव ने अटल तपस्या से भगवान का मन मोह लिया --आचार्य विद्या भूषण मिश्र

प्रतापगढ 



14.04.2022



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



नारद शिष्य ध्रुव ने अटल तपस्या से भगवान का मनमोह लिया--आचार्य विद्याभूषण मिश्र 



प्रतापगढ़।प्रतापगढ जनपद के सांगीपुर ब्लाक के ग्राम थरिया, लक्ष्मीकांतगंज में पाल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमदभागवत कथा के द्वितीय दिवस के अवसर पर श्रीमद भागवत कथा के कथा व्यास आचार्य विद्या भूषण मिश्र ने द्वितीय दिवस की कथा के दौरान ध्रुव चरित्र का वर्णन किया। आचार्य ने कहा कि नारद शिष्य ध्रुव ने अटल तपस्या से भगवान का मनमोह लिया। जिससे अपना और अपने परिवार का नाम अक्षय कर लिया। भागवत महात्मय का प्रसंग आगे बढा़ते हुए उन्होंने कहा कि भागवत ही भगवान है। भागवत भगवान का अक्षरावतार है। वक्ता श्रोता के धर्म की विवेचना करते हुए बताया कि वक्ता का चरित्र स्वच्छ होना चाहिए, वहीं श्रोता भगवान के प्रति समर्पित होना चाहिए। वक्ता प्रेरणा का पुंज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान जीव का उद्धार करते हैं। द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में पाण्डवों के वंशवली का सुन्दर वर्णन किया। व्यास ने अपने व्याख्यान में बताया कि जैसा खाओगे अन्न, वैसा ही होगा मन, कथा को आगे बढ़ाते हुए युधिष्ठिर द्वारा प्रश्न प्रसंग का भी सुंदर वर्णन किया। कथा के दौरान थरिया सहित आस पास क्षेत्र से बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।

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