प्रतापगढ सदर विधान सभा के मतदाताओं की खामोशी से प्रत्याशियों के माथे पर पड़ी चिंता की लकीरें
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 25 February, 2022 21:27
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प्रतापगढ
25.02.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
प्रतापगढ़- सदर विधानसभा के मतदाताओं की खामोशी से प्रत्याशियों के माथे पर पड़ी चिन्ता की लकीरें।
प्रतापगढ जनपद के विधान सभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों ने जनता जनार्दन के सामने वादों की झड़ी लगा दी है। सबको बस एक मौके की तलाश है कि वह विधायक बन जाये, पर क्या वो विधायकी का ताज पहन कर जनता से किये गए वादों को पुरा कर पाएंगे। यह प्रश्न तो आने वाले वक्त पर छोड़ दिया जाए, पर आज हम बात करेंगे प्रतापगढ़ जनपद की सातों विधानसभाओं की और जानेंगे कि आखिर the प्रत्याशी की बन रही है मजबूत पकड़। यूपी विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण के मतदान के लिए 2 दिन का समय बचा है और वही आज शाम 5 बजे से चुनाव प्रचार का शोर भी थम जाएगा, इसी बीच जनता के बीच खुद को साबित करने के लिए प्रतापगढ़ विधानसभाओं के सभी प्रत्याशियों ने अपनी ताकत भी झोंक दी है। इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों ने जनता जनार्दन के सामने वादों की झड़ी लगा दी है। सबको बस एक मौके की तलाश है कि वह विधायक बन जाये, पर क्या वो विधायकी का ताज पहन कर जनता से किये गए वादों को पुरा कर पाएंगे यह प्रश्न तो आने वाले वक्त पर छोड़ दिया जाए, पर आज हम बात करेंगे प्रतापगढ़ जनपद की सदर विधानसभा की और जानेंगे कि आखिर किस प्रत्याशी की बन रही है मजबूत पकड़।सदर विधानसभा- यूपी विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ की सदर विधानसभा सीट की बात करे तो इस सीट पर 2 ब्राह्मण प्रत्याशी है जोकि बहुजन समाजवादी पार्टी से आशुतोष त्रिपाठी और वही कांग्रेस पार्टी से डॉ नीरज त्रिपाठी, भाजपा ने अपना दांव ओबीसी प्रत्याशी राजेन्द्र मौर्य पर खेला है तो वही सपा ने भी ओबीसी कार्ड खेलते हुए अपनादल (K) के साथ गठबंधन करते हुए कृष्णा पटेल को प्रत्याशी घोषित किया है। इस प्रकार जनपद के मुख्यालय का चुनावी रण भूमि तैयार हो गई।जातिगत समीकरण- अब हम बात करेगे जातिगत समीकरण की जिसमे सदर विधानसभा में 2 ब्राह्मण प्रत्याशियों के आ जाने से ब्राह्मण वोट बैंक बंट रहा है, कुछ बसपा के खाते में जा रहे है तो वही कुछ कांग्रेस के खाते में। बसपा के साथ दलित मतदाताओं का साथ मिल जाने से वह अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है, वही कांग्रेस के साथ ब्राह्मण वोट के साथ उसके परंपरागत वोट आ रहे है, कुछ दलित मतदाता भी सहयोग कर रहे है, इसके साथ कुछ मुस्लिम मतदाताओं का वोट बैंक सपा से छिटककर कांग्रेस के साथ जा रहा है, पर इसका लाभ सपा गठबंधन अपनादल (K) की प्रत्याशी कृष्णा पटेल को भरपूर मिल रहा है क्योकि सपा के मूल मतदाता यादव खुलकर कृष्णा पटेल के साथ है ही तो वही दलित मतदाता भी अपना मूड बना चुके है कि इस बार उनका वोट बैंक कही और न जा सके, उनका साथ दे रहे है मुस्लिम मतदाता जोकि इस बार समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन दे रहे है, पर इनके बीच भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र मौर्य का भी समीकरण काम कर रहा है जोकि इस तरह है भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र मौर्य को भाजपा का परंपरागत वोट के साथ कुछ ब्राह्मण वोट और क्षत्रिय वोट का साथ भी मिल रहा है। कुछ दलित वोट बैंक भी इस बार भाजपा के साथ जा रहा है। पर इनमें एक बात सामने आ रही है जोकि यह है कि मतदाताओ ने अभी तक खुलकर इस बात का समर्थन नही किया कि वह किसके साथ जा रहे है। मतदाताओं की इस चुप्पी से प्रत्याशियों के माथे पर चिन्ता की लकीरें साफ नजर आ रही है। कुल मिलाकर यह कह सकते है कि सदर विधानसभा में इन चार पार्टियों के प्रत्याशियों की जोर आजमाईश है। इस सीट का चुनाव कांटे की टक्कर दे रहा है।
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