कृषक धान में लगने वाले सामयिक कीट व रोग से फसल को बचाएं--- जिला कृषि रक्षा अधिकारी

कृषक धान में लगने वाले सामयिक कीट व रोग से फसल को बचाएं--- जिला कृषि रक्षा अधिकारी

प्रतापगढ 



26.09.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



कृषक धान में लगने वाले सामयिक कीट व रोग से फसल को बचाये-जिला कृषि रक्षा अधिकारी




जिला कृषि रक्षा अधिकारी डा0 अश्विनी कुमार सिंह ने कृषक भाईयों से कहा है कि जनपद में वर्षा एवं तापमान में उतार चढ़ाव के कारण धान में लगने वाले सामयिक कीट व रोग से धान फसल को बचायेंं। उन्होने धान में लगने वाले मिथ्या कण्डुआ रोग के बारे में बताया है यह फफूॅद जनित रोग, इस रोग के प्रकोप के पश्चात् धान के दाने पीले और काले रंग के आवरण से ढक जाते है जिनको हाथ से छूने पर हाथ में पीले काले अथवा हरे रंग के पाउडर जैसे रोग के स्पोर लग जाते है। इसके बचाव उन्होने बताया है कि स्यूडोमोनास फ्लोरियसेंस 5 ग्राम प्रति लीटर की दर से 15-20 दिन के अन्तराल पर सुरक्षात्मक छिड़काव करें। रोग के कारण दिखाई देने पर कापर हाइड्राक्साइड पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिये। धान की फसल में झोका रोग के बारे में बताया है कि इस रोग में पत्तियों पर ऑख की आकृति के धब्बे बनते है जो मध्य में राख के रंग के तथा किनारे पर गहरे कत्थे रंग के होते है। पत्तियों के अतिरिक्त वालियों डंठलों पुष्प शाखाओं एवं गाठों पर काले भूरे धब्बे बनते है। इसके बचाव हेतु किसान भाई नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का संस्तुत प्रयोग करें, इस रोग के नियंत्रण हेतु इडीफेनफॉश अथवा मैंकोजेब निर्धारित मात्रा में घोलकर छिड़काव करें। 

इसी प्रकार भूरा भुदका रोग के बारे में बताया है कि यह भूरे रंग का कीट है जो धान के पौधे के तने के रस चूसता है जिसके फलस्वरूप पौधा भूरा होने लगता है अन्ततः सूख जाता है। इसके बचाव हेतु अत्यधिक नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग करें, यथासम्भव जल निकास करायें, इस कीट के प्राकृतिक शत्रु जैसे मकड़ी, लाइकोसा स्यूडोएनुलेटा एवं अर्गाओं स्पेसीज को संरक्षण देना चाहिये। इस कीट के नियंत्रण हेतु एजाडिरेक्टिन निर्धारित मात्रा में पानी में घोलकर छिड़काव करें। गंधी बग रोग के बारे बताया है कि इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ लम्बी टांगों वाले भूरे रंग के विशेष गंध होते है जो बालियों की दुग्धावस्था में दानो में बन रहे दूध को चूसकर क्षति पहुॅचाते है, प्रभावित दानों में चावल नही बनता है। इसके उपचार हेतु बताया है कि एजाडिरेक्टिन का निर्धारित मात्रा में घोलकर छिड़काव करें। इस कीट के रासायनिक नियंत्रण हेतु मैलाथियान अथवा फेनवैलरेट का निर्धारित मात्रा में बुरकाव करना चाहिये।

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