प्रतापगढ़ में फिर एक बार चर्चा में सीओ जियाउल हक हत्याकांड
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 19 December, 2021 15:05
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प्रतापगढ
18.12.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
प्रतापगढ़ में एक बार फिर चर्चा में सीओ जियाउल हक हत्याकांड
प्रतापगढ़। यूपी के प्रतापगढ़ में आठ साल पहले हुई सीओ जियाउल हत्या का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। सीबीआई ने इस मामले की फिर से जांच शुरू की है। इसकी जानकारी तब हुई तब सीबीआई के अधिकारी दोबारा मामले की छानबीन करने प्रतापगढ़ पहुंचे। इस मामले में अखिलेश यादव की सरकार में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया पर अंगुली उठाई गयी थी। अखिलेश सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।सीबीआई ने प्रकरण की जांच की थी। राजा भइया का इस मामले में नार्को टेस्ट भी कराया था।इसके बाद राजा भइया को मामले में निर्दोष बताते हुए सीबीआई ने क्लोजर रिपार्ट दाखिल कर दिया है।सीओ जियाउल की पत्नी परवीन ने क्लोजर रिपोर्ट को सीबीआई कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। इस मामले में 20 दिसंबर 2021 को सुनवाई की तिथि नियत है। इस बीच सीबीआई की टीम ने कुंडा पहुंचकर मामले की फिर से छानबीन शुरू कर दिया है। यह एक संयोग भी हो सकता है कि यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ ही महीनों ने विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। पर माना जा रहा है कि चुनावी समय में यह सब राजा भइया पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है।यह है मामला--आईपीएस अधिकारी जियाउल हक की ट्रेनिंग पीरियड में प्रतापगढ़ तैनाती थी।उस समय उन्हें कुंडा सरकिल का पुलिस उपाधीक्षक बनाया गया था।2 मार्च 2013 की शाम करीब पांच बजे के आसपास बलीपुर गांव के प्रधान नन्हें यादव की हत्या कर दी गयी थी।नन्हें सिंह की हत्या की जानकारी मिलने पर उनके समर्थक भारी संख्या में हथियार लेकर एकत्र हो गये थे।समर्थकों ने बलीपुर गांव के कामता पाल को प्रधान की हत्या कराने का जिम्मेदार मानते हुए उनके घर में आग लगा दी थी।कामता पाल के घर में आग लगाने की घटना रात करीब आठ बजे के आसपास हुई थी।इन घटनाओं की जानकारी होने पर सीओ जियाउल हक पुलिस बल लेकर गांव में पहुंचे थे।भीड़ के आक्रोश को देखते हुए सीओ के गनर इमरान और कुंडा के एसएसआई विनय कुमार सिंह खेत में छिप गये थे।कुंडा कोतवाली के तत्कालीन एसएचओ सर्वेश मिश्र भी गांव में पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा सके थे।पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक नन्हें सिंह के घर की ओर बढ़ रहे थे तभी उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।उनका शव मध्य रात्रि के करीब पाया गया था।इससे पहले प्रधान नन्हे यादव के भाई सुरेश यादव की भी हत्या कर दी गयी थी।प्रदेश में मच गया था भूचाल।बलीपुर गांव में एक साथ तीन-तीन हत्या उसमें सीओ जियाउल हक की भी हत्या के मामले को लेकर प्रदेश में भूचाल आ गया।प्रदेश भर में मुस्लिम समाज के लोगों ने घटना का सच सामने लाये जाने की मांग की।जियाउल की पत्नी परवीन ने इस मामले में रघुराज प्रताप सिंह को आरोपी बनाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी।उस समय राजा भइया को मंत्रिमंडल छोड़ना पड़ा था और सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा था।इसलिए कस सकता है शिकंजा।वर्ष 1993 से राजा भइया कुंडा सीट से विधायक बनते आ रहे हैं।इस बार वह अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे।चर्चा है कि उन्हें घेरने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल किया जा रहा है।अगर राजा भइया ने 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारे तो सत्ता पक्ष को नुकसान की संभावना है।
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