सामाजिक न्याय एवं जन सुविधा को प्राप्त करने हेतु जागरूक होना जरूरी-- जिलाधिकारी

सामाजिक न्याय एवं जन सुविधा को प्राप्त करने हेतु जागरूक होना जरूरी-- जिलाधिकारी

प्रतापगढ 



10.11.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



सामाजिक न्याय एवं जनसुविधा को प्राप्त करने हेतु जागरूक होना जरूरी-जिलाधिकारी



आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ की श्रृंखला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तुलसीसदन (हादीहाल) में विधिक सहायता मेगा शिविर के दो दिवसीय शिविर का भव्य समापन किया गया। तुलसीसदन परिसर में लाभार्थी परक योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु विभिन्न विभागों क्रमशः राष्ट्रीय आजीविका मिशन, महिला एवं कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, समाज कल्याण विभाग, कृषि रक्षा, उद्यान विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाये गये स्टाल का जनपद न्यायाधीश संजय शंकर पाण्डेय, जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल, पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार, अपर जिला जज आलोक कुमार द्विवेदी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीरज कुमार त्रिपाठी द्वारा अवलोकन किया गया एवं चाइल्डलाइन द्वारा बच्चों की सुरक्षा हेतु 07 नवम्बर से 14 नवम्बर तक चलाये जा रहे संकल्प अभियान के अन्तर्गत संकल्प पत्र हस्ताक्षर किया गया। इस अवसर पर मा0 जनपद न्यायाधीश द्वारा विभिन्न विभागों की योजनाओं के चयनित लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नीरज कुमार त्रिपाठी ने लोगो को सम्बोधित करते हुये कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत 02 अक्टूबर से 14 नवम्बर तक चलने वाले कार्यक्रम की जानकारी देते हुये बताया कि जनपद के 2242 गांवों में विधिक जागरूकता हेतु डोर-टू-डोर पैरा लीगल वालेन्टियर के माध्यम से विधिक साक्षरता का कार्यक्रम चलाया गया, इसी कड़ी में सभी ब्लाकों एवं तहसीलों में विधिक सेवा सहायता हेतु शिविर का आयोजन किया गया। उसी कड़ी में आज दो दिवसीय मेगा कैम्प का आयोजन कर पीड़ित एवं वंचित लाभार्थियों को सरकारी सुविधायें एवं विधिक सहायता कैसे प्राप्त की जाये इसकी जानकारी देने के लिये आयोजन किया गया है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने बताया कि वंचित एवं पीड़ितों को सुविधा दिलाने एवं उन्हें उनके अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिये शासन के सभी विभाग प्रयासरत है। उन्होने बताया कि महिलाओं को बच्चियों को सामाजिक न्याय एवं उत्पीड़न से निजात दिलाने के लिये बीट महिला आरक्षियों की थानेवार तैनाती की गयी है जो विभिन्न एन0जी0ओ0 एवं शैक्षणिक संस्थाओं में जाकर महिलाओं को सुरक्षा, स्वावलम्बन एवं आत्म सम्मान के प्रति प्रेरित कर रही है। 

इस अवसर पर जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनपद में चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को विधिक साक्षरता एवं सहायता उपलब्ध होने से उनमें अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। तहसीलों में उपजिलाधिकारियों के नेतृत्व में इस तरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे है। जिलाधिकारी ने आशा व्यक्त करते हुये कहा कि इस दो दिवसीय शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों द्वारा प्राप्त की गयी जानकारी अन्य लोगों को भी प्रदान की जायेगी जिससे जो शिविर में नही आ पाये है उन्हें भी इसका लाभ प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि न्याय चला गांव की ओर इस अवधारणा को सफल करने के लिये इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की अत्यन्त आवश्यकता है। अब सिर्फ साक्षर होना ही जरूरी नही है बल्कि हमें सामाजिक न्याय एवं जनसुविधा को प्राप्त करने हेतु जागरूक होना जरूरी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मा0 जनपद न्यायाधीश संजय शंकर पाण्डेय ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जनपद के सुदूर अंचलों तक विधिक सहायता एवं साक्षरता का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। शिविर के माध्यम से न सिर्फ लाभार्थी परक योजनाओं की जानकारी दी जा रही है बल्कि गरीब एवं वंचितों को अन्याय और उनके साथ हो रहे अपराध के विरूद्ध विधिक सहायता एवं सलाह भी उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होने कहा कि समाज में होने वाले महिलाओं एवं बच्चियों के प्रति अत्याचार के विरूद्ध आवाज उठाने चाहिये ताकि दोषी को उसकी गलती का एहसास कराया जाये तथा उसे अपराध की सजा प्राप्त हो सके। उन्होने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से नामित पैरा लीगल वालेन्टियर के माध्यम से भी शिकायतें दर्ज करायी जा सकती है, प्राधिकरण ऐसे प्रकरण में दोनो पक्षों को बुलाकर समस्या का समाधान करता है। महिला एवं बच्चियों के द्वारा की गयी शिकायतों में उनका नाम एवं पता गोपनीय रखा जाता है। उन्होने प्रेस एवं मीडिया से भी अपेक्षा करते हुये कहा कि विधिक साक्षरता के तहत होने वाले कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये ताकि ज्यादा से ज्यादा पीड़ित लोगों को इस सुविधा का लाभ प्राप्त हो सके। उन्होने इस अवसर पर आवाहन किया कि पीड़ित महिलायें एवं बच्चियॉ अपनी चुप्पी तोड़े और अपराधी को सजा दिलाने के लिये आगे आये। जनपद न्यायाधीश ने अपेक्षा करते हुये कहा कि पीड़ित एवं वंचितों को सरकारी सुविधाओं के साथ सामाजिक न्याय सुलभ कराना भी हम सबका दायित्व है इसलिये सभी अधिकारी एवं कर्मचारी ईमानदारी एवं कर्मठता से अपने दायित्व का निर्वहन करें। 

कार्यक्रम में विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 सुनील पाण्डेय द्वारा बताया गया कि उनके महाविद्यालय में विधि साक्षरता क्लब बनाकर प्रशिक्षु छात्रों को गांवों में पीड़ित महिलाओं एवं गरीब व्यक्तियों को विधिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, जिला विद्यालय निरीक्षक सर्वदानन्द, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी राजीव कुमार सहित समस्त उपजिलाधिकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता/मीडिएटर विश्वनाथ त्रिपाठी, शिक्षा विभाग के धर्मेन्द्र ओझा एवं पीएलवी तथा अन्य विभागों के अधिकारी/कर्मचारी, लाभार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मो0 अनीस द्वारा किया गया।

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