बैंकों के निजीकरण के विरोध में प्रतापगढ़ के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी रहे हड़ताल पर

बैंकों के निजीकरण के विरोध में प्रतापगढ़ के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी रहे हड़ताल पर

प्रतापगढ 



16.12.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



बैंको के निजीकरण के विरोध में प्रतापगढ के सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी रहे हड़ताल पर 




आज दिनांक 16.12.2021 को  यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर आज दिनांक 16 दिसंबर 20 21 को अखिल भारतीय दो दिवसीय हड़ताल के क्रम में प्रतापगढ़ में सभी राष्ट्रीयकृत बैंक के समस्त अधिकारी व कर्मचारी भारत सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति व बैंकिंग ला अमेंडमेंट बिल के खिलाफ एकजुट होकर हड़ताल पर रहे। इस क्रम में भगवा की चुंगी स्थित इलाहाबाद फैजाबाद रोड बैंक ऑफ इंडिया के सामने सभी कर्मचारी व अधिकारी एकत्रित होकर सभा व धरना तथा प्रदर्शन का आयोजन किए।सभा को संबोधित करते हुए यूनाइटेड फोरम के संयोजक नरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि सरकारी बैंकों को निजी करण करने से न केवल बैंक कर्मचारी प्रभावित होंगे बल्कि समूचे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी ग्राहकों और नागरिकों को भी इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। जनता की समस्त जमा पूंजी पर राष्ट्र के कुछ औद्योगिक घरानों का कब्जा हो जाएगा निशुल्क मिलने वाली सुविधाएं बंद हो जाएंगी, सस्ते दरों पर ऋण समाप्त हो जाएगा ,शिक्षा ऋण जैसे जनउपयोगी ऋण अत्यंत जटिल हो जाएंगे और आम आदमी की पहुंच से बाहर चले जाएंगे।इस अवसर पर बैंक ऑफ इंडिया के सामने एक सभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता सच्चिदानंद पांडे अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बैंक एंप्लाइज यूनियन ने किया। सभा को प्रमुख रूप से जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के महामंत्री हेमंत नंदन ओझा, एसबी सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा, बीपी त्रिपाठी संरक्षक जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल, संजीव यादव बैंक ऑफ इंडिया ,प्रेम प्रकाश मौर्य केनरा बैंक अमेठी ,प्रेरणा शुक्ला केनरा बैंक, नीलेश दुबे बैंक ऑफ बड़ौदा, अमर सोनी बैंक ऑफ इंडिया, आशीष कुमार सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा ऑफिसर एसोसिएशन, कमलेश कुमार पांडे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ,जेबी सिंह पंजाब नेशनल बैंक, प्रशांत सिंह यूनियन बैंक, विशेष बहादुर श्रीवास्तव ,ज्योति यादव, अभिजीत मनोरंजन सिंह ,अनुराग जायसवाल बैंक ऑफ बड़ौदा आदि ने संबोधित किया वक्ताओं ने अपने उद्बोधन में कहा कि हड़ताल करने के लिए सरकार के द्वारा मजबूर किया गया है सरकार ने बजट सत्र में 2 बैंकों के निजीकरण करने की घोषणा किया है बैंक कर्मियों ने इसका कड़ा विरोध करते हुए 15 मार्च 2021 और 16 मार्च 2021 को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया था लेकिन सरकार बैंक कर्मियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है और अंततः यह हड़ताल करने के लिए भी केंद्र सरकार की ओर से बाध्य किया गया है ,वक्ताओं ने यह भी कहा कि हम आने वाले दिनों में अगर सरकार की ओर से निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक और अंकुश नहीं लगाया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए भी तैयार हैं। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रविंद्र देव सिंह इंडियन ओवरसीजबैंक, गौरव वत्स सेंट्रल बैंक,अमरजीत केनरा बैंक नवीन प्रसाद बैंक ऑफ इंडिया ,प्रेम नाथ पांडे इंडियन बैंक ,यश एन पांडे इंडियन बैंक, राजेश रावत बैंक ऑफ बड़ौदा ,मोहित बैंक आफ बडौदा, अनुज पुष्प जीबी पंजाब नेशनल बैंक, गोविंद पंजाब नेशनल बैंक, रवि राजन बैंक ऑफ बड़ौदा ,हरकेश कुमार पंजाब नेशनल बैंक ,इंद्रजीत यूनियन बैंक आफ इंडिया ,अरविंद पांडे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ,सत्य प्रकाश यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, देवेंद्र कुमार पीएनबी ,अरुण कुमार सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा ,प्रशांत सिंह यूनियन बैंक, गौरव बैंक ऑफ इंडिया, अरुण गौतम बैंक आफ बडौदा प्रतीक सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा आदि सैकड़ों बैंक कर्मचारी व अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे। प्रदर्शन के दौरान बैंक कर्मियों ने बैंक बचाओ देश बचाओ ,निजीकरण वापस लो, भारत सरकार मुर्दाबाद ,वित्त मंत्री हाय हाय, बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल वापस लो ,अधिकारी कर्मचारी एकता जिंदाबाद ,यूनाइटेड फोरम जिंदाबाद, इंकलाब जिंदाबाद आदि नारे लगा रहे थे और इन नारों की तख्तियां भी लिए थे।

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