सिर्फ कहने को गाय हमारी माता है
- Posted By: MOHD HASNAIN HASHMI
- राज्य
- Updated: 5 January, 2022 22:42
- 479

प्रतापगढ
05.01.2022
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
...सिर्फ़ कहने को है,गाय हमारी माता है?
क्या सच में गायों एवं उनके गोवंश को लेकर सरकार एवं प्रशासन चिन्तित है या सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनीतिक छलावा?आज की तारीख़ में गाय राजनीतिक मुद्दा तो आसानी से बन जाती है,लेकिन गाय के संरक्षण,भरण पोषण एवं आस्था के नाम पर खूब हो रहा छलावा।कुंडा कस्बे में गायों एवं उनके गोवंश को ठंठ से बचाने का कोई इंतज़ाम नहीं है।इंतज़ाम के नाम पर ठंठ में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है गौमाता?तहसील प्रशासन की ओर से अभी तक सर्दी से बचाव के कोई उपाय नहीं किए गए है।चारे पानी के नाम पर गली मुहल्लों में बहने वाले गन्दे पानी एवं कूड़ा कचरा में पड़े पालीथीन की थैली एवं अन्य कचरों को खाकर और पीकर अपनी प्यास और भूख़ को शान्त करने की कोशिश करती है।निराश्रित गौ माता सड़कों एवं स्थानीय किसानों के खेतों में इधर उधर भटकने को मजबूर है।क्या गौ आश्रय स्थल एवं गौ सेवा योजना सिर्फ़ ढकोसला है?क्या सरकार गाय को लेकर करती है,सिर्फ़ वोट की राजनीति? सुविधा,संरक्षण एवं संवर्धन के नाम पर सिर्फ़ छलावा?निश्चित ही गाय भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।ऐसे ही नहीं कहा जाता "गौ पालन लाभार्थ है,गौ सेवा परमार्थ।"सिर्फ़ बातों एवं राजनीतिक भाषणों में नहीं व्यवहारिक आचरण में भी दिखना चाहिए,गौ माता के प्रति सेवा भाव।तभी सही मायने में देश,समाज एवं लोक कल्याण का संकल्प पूरा होगा।वोट की संकीर्ण एवं घटिया राजनीति से ऊपर उठकर हम सबको मिलकर गौ माता के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कार्य करना होगा।
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