भगवान का स्मरण करना जीवन है पुण्य का फल --आचार्य उमेश

भगवान का स्मरण करना जीवन  है पुण्य का फल --आचार्य उमेश

प्रतापगढ 




21.04.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी




भगवान् का स्मरण करना जीवन में पुण्य का है फल-आचार्य उमेश 




 प्रतापगढ़।प्रतापगढ जनपद के लालगंज क्षेत्र के पहाड़पुर तिवरानन का पुरवा में हो रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तहत पंाचवें दिन गुरूवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमडी दिखी। कथाव्यास पं. उमेश नारायण पाण्डेय जी ने कहा कि भगवान् की कथा सुनना जन्म जन्मांतर के पुण्य का उदित होना है। उन्होंने कहा कि भगवान् सदैव भक्त के प्रति निश्छल मन से उसका हर तरह से संरक्षण किया करते हैं। पं. उमेश नारायण पाण्डेय जी ने बताया कि भागवत कथा कलियुग मे सबसे फलदायी कथा है। कथाव्यास ने कहा कि भगवान ने संसार के हर उस प्राणी का उद्धार किया जिसने विपत्ति या सुख के समय श्रद्धा के साथ पवित्र मन से स्मरण जारी रखा। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि कथा का निहितार्थ जीवन मे सदकर्म के पथ को अग्रसर बनाए रखना है। आचार्य प्रवर उमेश नारायण जी ने कहा कि कृष्ण और राम मर्यादा तथा नीति के पोषक लोकावतार हैं। उन्होंने कहा कि भगवान् श्रीराम की आराधना जीवन मे नैतिक मर्यादा के प्रति संघर्ष व त्याग की प्रेरणा तथा भगवान श्रीकृष्ण की आराधना जीवन मे धर्म की पूर्णता है। कथा के दौरान प्रहलाद चरित्र व समुद्र मंथन के प्रसंग पर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे दिखे। संगीतमयी कथा में भजन व संकीर्तन मे महिला श्रद्धालुओं को भी हर्षातिरेक मे देखा गया। कथा के संयोजक चंद्रकांत तिवारी तथा सह संयोजक ऋषीकांत व अमरकांत तिवारी ने कथाव्यास का श्री रोली अभिषेक किया। आयोजन समिति की ओर से पं. उमानाथ तिवारी ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। इस मौके पर पं. रामधन तिवारी, आईपी मिश्र, स्वामी नाथ तिवारी, कमलाकांत तिवारी, केशव प्रसाद गोैड़, देवनाथ दुबे, रामअभिलाष तिवारी, जगदीश शुक्ल, शिरोमणि शुक्ल, अतुल तिवारी, रमेशचंद्र तिवारी, भानु प्रताप पाण्डेय आदि रहे।

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