अंधेरे में जिला अस्पताल, मरीजो ने तोड़ा दम

अंधेरे में जिला अस्पताल, मरीजो ने तोड़ा दम

PPN NEWS

रायबरेली

अंधेरे में जिला अस्पताल, मरीजो ने तोड़ा दम

रिपोर्ट- अभिषेक बाजपेयी


वीवीआईपी जिले में सुमार यूपी के रायबरेली जिले में स्वास्थ्य सुविधाये राम भरोसे है, जिला अस्पताल में कहने को तो 24 घण्टे बिजली उपलब्ध रहती है पर अगर किन्ही कारणों से लाइट चली जाए तो जनरेटर की भी सुविधा है पर जिला अस्पताल का जनरेटर सिर्फ इसलिए नहीं चलाया जाता क्योकि डीजल की खपत जो होगी, जी हां आज हम आपको कुछ ऐसी तस्वीरें दिखाएंगे जो न सिर्फ यह  कहने को मजबूर हो जाएंगे की योगी सरकार की किरकिरी जिला अस्पताल प्रशासन की वजह से हो रही है। क्योकि जिला अस्पताल में घण्टो से लाइट न आने पर भी जनरेटर नही चलाया जाता बल्कि  टार्च की रोशनी में मरीजो का इलाज किया जाता है साथ ही एडमिट मरीजो को भी भीषण गर्मी में न सिर्फ 2 -4 होना पड़ता है। बल्कि लाइट न होने के चलते ऑक्सीजन की सुविधा न मिलने से 2 मरीजो की मौत भी हो गई 


दरसअल जिला अस्पताल में मंगलवार को शाम 7 बजे से लाइट नही आ रही थी इस दौरान जिला अस्पताल में इमरजेंसी से लेकर वार्डो में न सिर्फ मरीज व तीमारदार भीषण गर्मी से परेशान दिखे बल्कि अस्पताल का स्टॉफ व डॉक्टर भी परेशान रहे क्योकि लगभग 4 से 5 घण्टे जिला अस्पताल पूरा अंधेरे में रहा टार्च की रोशनी में डॉक्टर व स्टाफ मरीजो का इलाज करते दिखे । यही नही कई पेशेंट वार्डो से निकल कर बाहर फर्स पर लेटे दिखाई दिए तो कई मरीज वार्डो में तड़पते भी दिखाई दिए, हद तो तब हो गई जब सांस के पेशेंट मरीज आक्सीजन के अभाव में तड़प रहे थे पर उनकी कोई सुनने वाला नही था क्योकि बिना लाइट के आक्सीजन मशीन नही चल रही थी और अंत मे दो मरीजो की आक्सीजन न मिलने से मौत भी हो गई।  ये तो हाल वार्डो का था पर जब इमर्जेनशी में पहुची तो वहां की हालत और चिंताजनक दिखी, इमर्जेनशी में आ रहे मरीजो का इलाज टार्च व मोमबत्ती की लाइट में किया जा रहा था, मरीजो व उनके तीमारदारों से खास बातचीत की जिसमे लोगो ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 


आपको बता दे कि जिला अस्पताल के वार्ड नम्बर तीन में मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर देखने को मिली लाइट न आने के चलते सांस के वृद्ध मरीज को ऑक्सीजन नही उपलब्ध हो सका जिससे उसकी मौत हो गई, वही मृतक के बेटे ने इस मौत का कारण लाइट को बताते हुए कहा कि बीते 4 से 5 घंटे तक लाइट नही आई और जिस कारण बीएड के पास लगा आक्सीजन उपलब्ध नही हो सका जिससे मरीज की मौत हो गई।


मरीजो व उबके तीमारदारों का दर्द नही देखा गया तो कैमरा वार्डो में तैनात स्टॉफ नर्स पर गया तो स्टाफ नर्स भी अंधेरे में परेशान राही यही नही उन्होंने तो अस्पताल प्रशासन की पोल ही खोल दी और कहा कि लाइट न होने पर जिला अस्पताल में जनरेटर की सुविधा उपलब्ध है और पता नही क्यो डीजल बचाने के चक्कर मे इसे नही चलाया जा रहा यही नही उन्होंने यहां तक कहा कि कई घण्टो से मरीज व तीमारदार के साथ साथ स्टॉफ भी बिजली न होने से परेशान है और इसकी सूचना सीएमएस तक को दे दी गई पर कोई समाधान नही हो सका। 


ये तो हाल जिला अस्पताल के वार्डो में लाइट न आने से दिखाई दिए पर जब इमर्जेनशी में पहुचे तो वहां पर तो हाल सबसे खराब दिखे यहां पर तो डॉक्टर ने बताया कि कई घण्टो से लाइट नही आ रही है हम लोग टार्च व कैंडिल की रोशनी में इलाज करने को मजबूर है। 


सवाल यह उठता है कि जब जिला अस्पताल में मरीजो के लिए सारी सुविधाएं शासन द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है साथ ही 24 घंटे बिजली भी देने का दावा किया जा रहा है यही नही बिजली न आने पर जनरेटर की सुविधा भी उपब्ध है तो ऐसे में बिजली कटौती पर जनरेटर क्यो नही चलाया जाता क्या मरीजो व उनके तीमारदारों को राम भरोसे छोड़ दिया जा रहा है यह सवाल उठना लाजमी है।

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