दानवी प्रवृत्ति का उचित अवसर पर होता है समूल विनाश'- साध्वी दिव्या देवी जी

दानवी प्रवृत्ति का उचित अवसर पर होता है समूल विनाश'- साध्वी दिव्या देवी जी

प्रतापगढ 

06.11.2021

रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी

दानवी प्रवृत्ति का उचित अवसर पर होता है समूल विनाश-- साध्वी दिव्या देवी जी

जब जब धरती पर धर्म की हानि होती है अधर्म का बोलबाला होता है, सज्जन सताए जाते हैं दुर्जन पूजे जाते हैं, धरती पर पापाचार, अनाचार, दुराचार अपनी चरम सीमा पर होता है , दानव प्रवृत्ति धर्म को मिटाने पर तुल जाती है तब तब ब्रह्माण्ड की परम सत्ता धरती पर अवतरित होती है।यह बातें श्री धाम वृन्दावन से पधारी राष्ट्रीय कथावाचिका साध्वी दिव्या देवी जी ने श्री मद्भागवत सप्ताह ज्ञान महायज्ञ के दौरान कही।साध्वी दिव्या देवी जी ने भगवान श्री कृष्ण की बाललीला का दिव्य गुणगान करते हुए बताया कि अपने भक्तों की रक्षा के लिए भगवान धरती पर अवतार लेने के लिए विवश हो जाते हैं।देवी जी ने भगवान की बाललीला, पूतना वध, यमलार्जुन उद्धार,  माखनचोरी, चीरहरण, अघासुर, बकासुर, शकटासुर, आदि राक्षसों का वध प्रसंग , गोवर्धन लीला, गोचारणलीला, आदि अनेक श्री कृष्ण चरित्र सुनाकर भगवद्भक्तों  को भावविभोर कर दिया।आपको बता दे कि प्रतापगढ जनपद के हथिगहा  क्षेत्र के चम्पतपुर निवासी श्री स्वर्गीय रमाकांत पाण्डेय एवं श्रीमती चन्द्रावती पाण्डेय जी के सुपुत्र कुलगौरव श्री बृजेश पाण्डेय एवं श्री सुनील पाण्डेय जी सपत्नीक श्री मद्भागवत कथा का दिव्य आयोजन कर रहे हैं ।इस मौके पर आचार्य पंडित चन्द्रभान पाण्डेय राघवेंद्रपति त्रिपाठी दाऊगुरू जी, नितेश पाण्डेय, आरती पाण्डेय, वीके मिश्र, अर्चना पाण्डेय ,रुची शुक्ला, करन पाण्डेय, लक्ष्मण सिंह, सत्येन्द्र पाण्डेय, , आशीष मिश्रा आनंद , लवकुश पाण्डेय आदि हजारों श्रृद्धालुगण उपस्थित रहे तथा कलश यात्रा एवं भागवत महात्म्य कथा के उपरांत चित्रकूट धाम से पधारे प्रसिद्ध भजनगायक नीलकंठ बाबा, मेवालाल मोरपंख वाले सरकार ,आशीषदास  ने  अपनी पूरी टीम के साथ दर्शकों को भजन सुनाकर मंत्रमुग्ध किया।

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