ब्लैकमेलर विवाहिता ने ससुरालियों का किया जीना दुश्वार, मां ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार

ब्लैकमेलर विवाहिता ने ससुरालियों का किया जीना दुश्वार, मां ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार

प्रतापगढ 




27.04.2022




रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



ब्लैकमेलर विवाहिता ने ससुरालियो का किया जीना दुश्वार,पीड़ित मां ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार



प्रतापगढ़।ब्लैक मेलर विवाहिता ने पति व ससुरालियों का जीना दुश्वार कर रखा है। वह करीब डेढ़ साल से ससुराल नहीं आयी है। साथ ही अपना एवं पति का जेवर व कपड़ा आदि पहले ही उठा ले गई। इसके बाद पति व ससुरालियो के खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज करा दिया। फर्जी एफआईआर के दम पर ससुराल से सारा सामान, नकदी के साथ ही उसके साथ आए लोग नकदी चुरा भी ले गए। पुलिस की मौजूदगी में उसने पति से रिश्ता तोड़कर रहने का फैसला लिखित रूप से ले लिया। इसके बावजूद पैसे की मांग कर रही है। साथ ही बार बार धमकाकर पति को पैसा न देने पर बर्बाद करने की धमकी देती है। इससे ससुराल के लोग सहमे हुए है। पीड़ित मां ने नगर कोतवाली पुलिस से न्याय के साथ ही जान व माल के सुरक्षा की मांग की है।

इस सम्बंध में नगर कोतवाली क्षेत्र के पूर्वी सहोदरपुर निवासी रीता श्रीवास्तव पत्नी उमेश श्रीवास्तव वरिष्ठ पत्रकार ने पुलिस को तहरीरदेकर आरोप लगाया है कि उसके बेटे अंकित श्रीवास्तव की शादी विगत 19 नवम्बर 2019 को अंशिका श्रीवास्तव उर्फ कोमल पुत्री नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव निवासी त्रिवेणी नगर सीतापुर रोड थाना अलीगंज जनपद लखनऊ के साथ हुई थी। शादी के बाद अंशिका ने अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया। वह फांसी लगाकर पूरे परिवार को जेल भेजने की धमकी देने लगी। वह हर माह दो तीन दिन के लिए ससुराल आती तथा बेटे की कमाई लेकर चली जाती थी। इसी बीच वह अपना तथा बेटे का जेवर एवं मेरा भी कुछ जेवर लेकर मायके चली गई। जेवर गायब होने की शिकायत उसके माता पिता से की गई तो अंशिका ने 20 नवम्बर 2020 से ससुराल आना बंद कर दिया। उसने मायके में रहते हुए माह फरवरी में पति, सास, ससुर, देवर एवं नन्द के खिलाफ फर्जी मुकदमा विभिन्न गंभीर धाराओ में महिला थाना हजरतगंज लखनऊ में दर्ज करा दिया। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने बेटे को थाने पर बुलाया तथा मध्यस्थता करके अंशिका को सारा सामान बाकी जेवर तथा नकद दिलवा दिया। अंशिका विगत 10 अप्रैल को अपना सामान लेने मेरे घर आयी थी। सामान बाहर आ जाने के बाद अंशिका के साथ आया उसका चचेरा भाई प्रिन्स श्रीवास्तव छत पर चढ़ गया। साथ ही कमरे की दीवार तोड़कर नष्ट करने लगा। उसे दीवार तोड़ने से मना किया तो गाली गलौज करने लगा। साथ ही मेरा गला दबाकर जान से मारने का प्रयास करने लगा। शोर मचाने पर घर के लोग दौड़कर पहुंचे तो जान बच सकी। पिछले साल सितम्बर माह में अंशिका के पैर में चोट आने की सूचना रिश्तेदार से मिली थी। मेरा बेटा अंकित बहू को देखने उसके घर गया। वहां पर अंशिका ने बेटे को अपमानित करते हुए साथ रहने से इंकार कर दिया। उसी समय अंशिका के पिता नरेन्द्र, भाई यश एवं चचेरे भाई प्रिन्स ने बेटे को मारने के लिए धारदार हथियार लेकर दौड़ा लिया। बेटे ने भागकर अपनी जान बचाई थी। अब पुलिस की मौजूदगी में उसने बेटे से लिखित रूप में सारा रिश्ता तोड़ लिया है। इसके बावजूद बेटे को बार बार मोबाइल से फोन करके लखनऊ आने को कहती है। साथ ही कुछ कागजो पर हस्ताक्षर कराने के साथ ही पैसा लाने की मांग करती है। वह अब भी फर्जी मामले में मेरे बेटे को फंसाकर परेशान करना चाहती है। उसकी लगातार धमकी देने के कारण मेरे बेटे अंकित की तबियत खराब हो गई है। ऐसे में पीड़ित की मां ने पुलिस से मामले की जांच करके ब्लैकमेलर लड़की अंशिका से निजात दिलाने की मांग की है।

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