कूट रचना कर फर्जी अंक पत्र बनाने का मामला पहुंचा अधिकारियों के चौखट

कूट रचना कर फर्जी अंक पत्र बनाने का मामला पहुंचा अधिकारियों के चौखट

प्रतापगढ 



 07.04.2022



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



कूट रचना कर जाली अंक पत्र  बनाने का मामला पहुंचा अधिकारियों के चौखट 



प्रतापगढ़। कूट रचना करके जाली मार्कसीट बनाने का मामला पहुँचा डीएम और डीआईओएस कार्यालय। शिकायत सुनकर कॉलेज की करतूतों को देखकर हतप्रभ हुए अधिकारी और कर्मचारी।पीड़िता शिखा मिश्र ने शपथपूर्वक की अधिकारियों से पूरे मामलें की शिकायत।प्रतापगढ जनपद के महेशगंज क्षेत्र के बैरागीपुर मजरे फतूहाबाद गांव की रहने वाली शिखा पत्नी लक्ष्मी नारायण मिश्र को कूट रचना करके थमा दिया था संग्रामगढ़ क्षेत्र के गोदाही गांव में स्थित वैष्णो देवी इंटर कालेज के प्रबंध तंत्र ने अंक पत्र।शिखा ने दी थी 2007 में इंटर मीडिएट की परीक्षा लेकिन यूपी बोर्ड की बेबसाइट पर निकल रहा है वो सुलोचना के नाम से अंक पत्र। मजे की बात है कि 2008 में भी उसी सुलोचना यादव का इंटर मीडिएट का निकल रहा है बोर्ड की बेबसाइट पर अंक पत्र।अपनी खामियों को छिपाने के लिए पुनः कालेज प्रबंध तंत्र ने की जालसाजी। कालेज में मौजूद शिखा की पुरानी फोटो लगाकर भर दिया फिर से इंटर का संस्थागत का फार्म।रोजगार के सिलसिले में नोएडा में अपने पति के साथ रह रही शिखा को संस्थागत दिखाकर वर्ष 2022 में भी इंटर की परीक्षा देने को बुला रहा है प्रबंध तंत्र।अपनी पुरानी करतूतों को छिपाने के लिए वर्ष 2021-22 में भी बिना शिखा द्वारा फार्म भरे ही सारे दस्तावेज को कॉलेज प्रबंध तंत्र ने किया तैयार।वर्ष 2021-22 के सत्र में भी शिखा के प्रवेश पत्र में कॉलेज प्रबंध तंत्र ने की कूट रचना। बोर्ड द्वारा विज्ञान वर्ग का प्रवेश पत्र जारी करने पर कालेज प्रबंध तंत्र ने प्रवेश पत्र में कटिंग करके बना दिया उसे कला वर्ग का प्रवेश पत्र।सारे प्रमाणों के साथ  पूरे मामलें की शिखा ने की  शपथपूर्वक  डीएम और जिला विद्यालय निरीक्षक से शिकायत।शिकायत सुनकर विद्यालय प्रबंध तंत्र की करतूतों से चकराए अधिकारी।मामलें पर खड़े हो गए हैं कई सारे ज्वलंत सवाल....1-जब कॉलेज प्रबंधन तंत्र पहले कह रहा था कि शिखा वैष्णो देवी इंटर कालेज में नही पढ़ी तो कॉलेज को कैसे मिली शिखा की पुरानी फोटो.?2-जब कालेज प्रबंध तंत्र नही था दोषी तो क्यों शिखा के बाहर रहने पर भी कालेज प्रबंध तंत्र ने भर दिया शिखा का पुनः फार्म, वो भी शिखा का फर्जी हस्ताक्षर करके और संस्थागत दिखाकर?3- आखिर क्यों कालेज प्रबंध तंत्र ने की प्रवेश पत्र में कूट रचना और कटिंग करके विज्ञान वर्ग के विषयों की जगह पर कला वर्ग के विषयों को खुद ही प्रवेश पत्र में लिख दिया?यदि जिला प्रशासन ने मामलें को गम्भीरता से लेकर कराई  जांच तो देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले  शिक्षा माफियाओं की  खुल सकती हैं कई परतें और कॉलेज की हो सकती है मान्यता निरस्त।

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