सभी पुराणों में सर्वश्रेष्ठ है श्रीमद्भागवत महापुराण --आचार्य भोले नाथ शुक्ल

सभी पुराणों में सर्वश्रेष्ठ है श्रीमद्भागवत महापुराण --आचार्य भोले नाथ शुक्ल

प्रतापगढ 


16.11.2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



सभी पुराणों में सर्वश्रेष्ठ है श्रीमद्भागवत महापुराण-- आचार्य भोलेनाथ शुक्ल




 प्रतापगढ़ जनपद के विकासखंड सांगीपुर स्थित ग्राम मनौती (मंगापुर) में वरिष्ठ अधिवक्ता लालता प्रसाद तिवारी (मुख्य यजमान) के संयोजन में उनके निवास पर गत 9 नवंबर 2021 से चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिवस पर श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथाव्यास आचार्य भोलेनाथ शुक्ल जी महाराज ने भागवत में वर्णित विविध प्रसंगों का वर्णन करते हुए राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा सुनाया। उन्होंने कहा कि श्राप के बावजूद राजा परीक्षित को श्रीमद् भागवत कथा सुनने के फलस्वरूप परम पद प्राप्त हुआ। यद्यपि जब तक्षक नाग ने राजा परीक्षित की मृत शरीर को काटा तो शरीर जलकर भस्म हो गई।यद्यपि होलिका को अग्नि में जल कर नष्ट न होने का वरदान मिला था, लेकिन उस वरदान का दुरुपयोग करने पर प्रहलाद बच गया और वह भस्म हो गई। 

     कथा के अंत में  कुलगुरु पंडित लालजी शुक्ल ने मुख्य यजमान व उनके परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देते हुए समस्त श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया, जिन्होंने इस मोक्षदायिनी सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा को बड़ी श्रद्धा व लगन के साथ श्रवण किया। उन्होंने कहा कि गुरुमंत्र लेने के संबंध में समाज में तरह-तरह की चर्चाएं होती हैं, लेकिन गृहस्थ को गुरु बनाना सर्वथा उचित है। संत तो भगवान के समान बंदनीय  होता है।

      समाज को संदेश देते हुए कुलगुरू  ने कहा कि बड़े सौभाग्य से इस प्रकार के आयोजन करने का  सुअवसर मिलता है। सभी को सद्कर्म एवं धर्म में अग्रणी भूमिका निभाना चाहिए। क्योंकि धन यहीं धरा रह जाएगा। जीवन की सार्थकता तो सत्कर्म एवं धर्म करने में ही है।

   

     मुख्य यजमान लालता प्रसाद तिवारी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती विजयलक्ष्मी तिवारी,श्रीमती कुसुम तिवारी एवं कालिका प्रसाद तिवारी द्वारा नियमित रूप से यज्ञशाला में स्थापित समस्त देवी देवताओं का विधिविधान से पूजन, अर्चन कराने में कुलगुरू के अलावा तीर्थराज प्रयाग से पधारे यज्ञाचार्य पंडित सिद्धार्थ मिश्रा एवं संतकबीरनगर से आये पंडित परमानंद त्रिपाठी एवं उनके यज्ञसहायक पंडित गया प्रसाद शुक्ल  आदि की सराहनीय भूमिका रही। कुलगुरु पंडित लालजी शुक्ला (गोरखपुर) की यज्ञशाला में 18000 श्लोकों का वाचन वेदपाठियों द्वारा किया गया है। 


     इस अवसर पर मुख्य यजमान लालता प्रसाद तिवारी एडवोकेट ने बताया कि मुझे गुरुदेव भगवान की अहैतुक कृपा से गयाजी में पित्रृक्रिया करने के उपरान्त उसी क्रम में जगन्नाथ जी, रामेश्वरम द्वारिकाधीश एवं केदारनाथ बद्रीनाथ जी के दर्शनोपरान्त श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कथा को सफल बनाने में महती भूमिका निभाने वाले सम्मानीय कथाव्यास, वैदिक आचार्यों, संगीतकारों, परिवार के सदस्यों एवं क्षेत्र के कोने-कोने से पधार कर कथा श्रवण करने वाले सम्मानित श्रोताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित किया।

    संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा को रोचक बनाने में संगीतकारों की अवर्णनीय भूमिका रही। जहां तबला पर पंडित अनुपम तिवारी और आर्गन पर जय तिवारी ने रंग लाया वहीं, पैड पर संतोष जी की संगीत तरंगों से कथा में चार चांद लगा।

     सप्तम दिवस पर कथा श्रवण करने वालों में पंडित धर्मेंद्र शुक्ल शास्त्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन के अलावा रघुवीर प्रसाद उपाध्याय एडवोकेट, सुरेंद्र बहादुर सिंह, अरुण तिवारी,श्रीमती सुषमा मैडम, कामता प्रसाद तिवारी, आर यल सिंह, ग्राम प्रधान ननौती जियालाल, प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार सिंह, शिक्षक शिव प्रसाद तिवारी, यज्ञ नारायण सिंह, अर्जुन सिंह, यमुना प्रसाद तिवारी, जंत्री प्रसाद पांडे, श्रीमती पंकज सिंह, डॉ सुरेश सिंह, सतीश चंद्र उपाध्याय एडवोकेट, सूर्य नारायण मिश्रा आदि भारी संख्या में क्षेत्र के संभ्रांतजन, महिलाएं व बच्चे आदि हैं।

      कार्यक्रम को सफल में कौशलेश तिवारी, बृजेश तिवारी, जितेंद्र तिवारी, राजेन्द्र तिवारी, रवीन्द्र तिवारी, अंश, शिवांश एवं रुद्रांश आदि की विशेष भूमिका रही।

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