भूमाफियों पर प्रशासन मेहरबान, मुकदमो में लग गई फाईनल रिपोर्ट

भूमाफियों पर प्रशासन मेहरबान, मुकदमो में लग गई फाईनल रिपोर्ट

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पीलीभीत 

भूमाफियों पर प्रशासन मेहरबान, मुकदमो में लग गई फाईनल रिपोर्ट

पीलीभीत। शहर के भूमाफियों पर प्रशासन बेहद मेहरबान है सदर विधायक के संज्ञान पर जिनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हुआ था मामला ठंडे बस्ते में पड़ने पर अब पुलिस ने मामले में अंतिम रिपोर्ट प्रेषित कर दी।

ध्यान रहे कि विगत वर्ष भूमाफिया देवांश अग्रवाल पुत्र सुरेन्द्र प्रकाश अग्रवाल निवासी मौहल्ला दुर्गाप्रसाद व वेदप्रकाश पुत्र पदम् सिंह निवासी कोतवाली कैम्पस ने ग्राम पकड़िया नौगवां बाहर चुंगी निकट रामलीला मैदान के पास पड़े तालाब को संक्रमणीय भूमि दर्शाते हुए योगेंद्र सहाय आदि से तालाब का बैनामा करा लिया और प्रशाशन से सांठ गाँठ उसको उत्खनन करते हुए पटान करने लगे यही नही भूमाफियों ने उसपर प्लाटिंग के सपने संजो दिए। भूमाफियों के इस कृत्य की सूचना सदर विधायक संजय सिंह गंगवार से की गई जिसपर उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए मौके पर पहुँच गए और वहाँ जेसीबी से हो रहे पटान को देखकर उनका पारा हाई हो गया उन्होंने तुरंत इसकी सूचना तत्कालीन जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को दी जिसपर प्रशासन हरकत में आ गया और दल-बल के साथ मौके पर पहुँचकर जेसीबी को अपने कब्जे में लेकर तालाब को अपने अस्तित्व में वापस कर दिया और लेखपाल कृष्ण कुमार सागर की तहरीर पर थाना सुनगढ़ी में भूमाफिया देवांश अग्रवाल व वेदप्रकाश के खिलाफ अवैध उत्खनन एवं एनजीटी एक्ट की धाराओं में मु0अ0सं0 221/2020 दर्ज किया गया। सदर विधायक के कड़े तेवर देख भूमाफिया के खिलाफ न्यायालय उपजिलाधिकारी के यहाँ लेखपाल की रिपोर्ट पर वाद दायर करते हुए विवादित सम्पत्ति की बिक्री एवं प्रकर्ति बदलने पर रोक लगाते हुए स्टे आदेश पारित किया गया। इसी बीच जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का रायबरेली तबादला हो गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। भूमाफियों ने एक स्थानीय पत्रकार से सम्पर्क करके उसके द्वारा साँठगाँठ करके भूमाफियों के ऊपर थाना सुनगढ़ी में दर्ज मुकदमो में अंतिम रिपोर्ट लगा दी।


भूमाफियाओं को सिविल न्यायालय से भी नही मिली राहत

जब जिला प्रशासन ने भूमाफियों के खिलाफ आंखे टेढ़ी करते हुए कार्यवाहियां शुरू की तो भूमाफियों ने सिविल न्यायालय की शरण लेकर जिला प्रशासन के खिलाफ स्थाई निषेधाज्ञा का वाद दायर किया परन्तु जिला शासकीय अधिवक्ता के अनुसार उसमे भी अभी तक भूमाफियों के पक्ष में कोई स्टे आदेश नही पारित हुआ है।


भूमाफियों का निवास भी निकला सरकारी

विश्वनीय सूत्रों के अनुसार भूमाफिया देवांश अग्रवाल की जब प्रशासन ने कुंडली खंगाली तो उनका निवास भी नगर पालिका की सम्पत्ति पर बना होना पाया जिसपर उनको जिला प्रशासन ने नोटिया भी दिया परन्तु कोई अग्रिम कार्यवाही अभी तक अमल में नही लाई गई।


स्थानीय पत्रकार की उक्त प्रकरण में भूमिका संदिग्ध

भूमाफियाओं के खिलाफ हो रही कार्यवाहियों में एक स्थानीय पत्रकार की भूमिका काफी संदिग्ध है उक्त स्थानीय पत्रकार लगातात भूमाफिया के पक्ष में साँठगाँठ में लगे रहकर उनको प्रशासन से अभयदान दिला रहा है।

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