तो क्या बाघों को धोखा देकर दे दी जाती उम्र कैद की सजा
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पीलीभीत न्यूज
तो क्या बाघों को धोखा देकर दे दी जाती उम्र कैद की सजा
एक माह का मेडिकल प्रशिक्षण की अनुमति देकर उम्र भर के लिए कैद हो जाते हैं पीलीभीत के बाघ
पीलीभीत(नीलेश चतुर्वेदी): भारतीय संविधान में जब किसी व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए गुनाह के लिए सजा सुनाई जाती है तो उसके सामने या उसके वकील के सामने पूरे प्रकरण को दोहराते हुए न्यायाधीश स्पष्ट रूप से सजा का एलान करते हैं।
लेकिन वन्य जीवन के साथ इससे बिल्कुल उलट कानून अपनाया जाता है। जब भी पीलीभीत टाइगर रिजर्व से कोई बाघ या बाघिन मानव वन्यजीव संघर्ष के बाद ट्रेंकुलाइज कर पकड़ी जाती है तो उसे मेडिकल प्रशिक्षण के नाम पर देश के किसी भी चिड़ियाघर में भेजने के लिए पहले तो प्रदेश स्तरीय अधिकारियों की अनुमति मिलती है उसके बाद विभागीय एक आदेश जारी होता है। कि अगले एक माह या उससे कुछ ज्यादा समय के लिए आपके चिड़ियाघर में हम पीटीआर से पकड़े गए बाघ या बाघिन को आपके द्वारा मेडिकल प्रशिक्षण हेतु छोड़ रहे हैं।
अगले इतने समय में हम अपने वन्य जीव को वापस ले जाएंगे लेकिन इतिहास गवाह है पीलीभीत टाइगर रिजर्व सहित कई टाइगर रिजर्व से पकड़े गए बाघ अगर एक बार चिड़ियाघर पहुंच गए तो दोबारा उन्हें जंगल की आबोहवा नसीब नहीं हुई। तो ऐसे में यह आदेश बनाना कि केवल इतने समय तक वन्यजीव को चिड़ियाघर में रखा जाएगा इसका क्या मतलब बनता है। अधिकारी खुद धोखे में हैं या वन्य जीव को धोखा दे रहे हैं।
सन 2001 से सन 2020 तक कई बाघ कानपुर ज़ू लखनऊ जू फर्रुखाबाद ज़ू मैं उम्र कैद की सजा काट रहे हैं। लेकिन विभाग ने दोबारा कभी उनकी खबर नहीं ली जबकि टाइगर की औसतन आयु से कुछ ज्यादा साल जून में उम्र बढ़ जाती है। जंगल में टाइगर की उम्र 10 से 12 और चिड़ियाघर में 12 से 16 तक हो जाती है।
अमीर लोगों को के लिए सरकार चिड़िया घरों आबाद कर रही है। और जंगलों से वन्य जीव का विनाश करने में लगी हुई है। अगर अगले 20 साल में जंगल से टाइगर खत्म हो गए तो लोगों कि मन से टाइगर का डर खत्म हो जाएगा और वह जंगल को काटना शुरू कर देंगे। ऐसे में टाइगर को सरकार खत्म कर रही है और जंगल को हम खत्म कर देंगे तो इस प्रकृति से पर्यावरण का विनाश निश्चित है।
                                                                    
                                                        
                                                                
                                                                
                                                                
                                                                
            
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