भारत छोड़ो आंदोलन की पावन स्मृति दिवस पर किया गया किसान पंचायत का आयोजन

भारत छोड़ो आंदोलन की पावन स्मृति दिवस पर किया गया किसान पंचायत का आयोजन

प्रतापगढ़ 




09.08. 2021



रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी



भारत छोड़ो आन्दोलन की पावन स्मृति दिवस पर किया गया किसान पंचायत का आयोजन 



आज दिनांक 9 अगस्त 2021 को भारत छोड़ो आंदोलन के पावन स्मृति दिवस पर संयुक्त किसान मोर्चा प्रतापगढ़ द्वारा किसान पंचायत आयोजित की गई जिसमें भारी संख्या में किसानों की उपस्थिति झंडे और तख्तियों के साथ रही ।तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने ,बिजली संशोधन अधिनियम 2020 वापस लेने, पेट्रोलियम पदार्थों के दाम कम करो, महंगाई पर रोक लगाओ, किसानों की मन की बात करो ,एमएसपी गारंटी कानून बनाओ आदि मांगों से संबंधित 8 सूत्री ज्ञापन राष्ट्रपति महोदय को जिला अधिकारी प्रतापगढ़ के माध्यम से भेजा गया ।इस अवसर पर किसान पंचायत को संबोधित करते हुए शेषनाथ तिवारी जिलाध्यक्ष एआई केकेएमएस ने कहा कि किसानों से संबंधित तीनों कृषि कानूनों कोकारपोरेट लॉबी के दबाव में सरकार ने बनाया है इसे खेती और किसान दोनों समाप्त हो जाएंगे ।

किसान सभा जिलाध्यक्ष कमरुद्दीन ने कहा के पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में बेतहाशा वृद्धि और ऊपर से बिजली संशोधन अधिनियम 2020 को लागू करके सरकार खेती असंभव बना देगी।

अंतर्राष्ट्रीय किसान परिषद के प्रदेश सचिव रसीद अहमद ने कहा कि सरकार मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए हिंदू मुस्लिम , अगड़ा  पिछड़ा कार्ड खेल रही है जिससे सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा इस चुनौती की गंभीरता समझ रहा है और इसको विफल करने के लिए सदैव प्रयासरत है।

सीपीआईएमएल के संयोजक राम नरेश पटेल ने कहा कि 9 अगस्त 1942 अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया गया था आज किसान विरोधी सरकार गद्दी छोड़ो का नारा किसान पंचायत के माध्यम से किसान बुलंद कर रहे हैं सभी विपक्षी दलों की अहम जिम्मेदारी है कि किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े हो और सरकार की तानाशाही का मुकाबला करें।

किसान सभा के जिला मंत्री निर्भय प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों के अनुरूप सी2+ 50% फार्मूले को लागू कर दें तो किसानों की बहुत सारी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी नए कानूनों में एमएसपी गारंटी कानून को बाध्यकारी नहीं बनाया गया है जिससे आशंका उत्पन्न हो गई है कि एमएसपी रहेगी भी या नहीं ।किसानों को ₹10000 प्रति माह पेंशन देना ही होगा ।दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन सफल होगा और हमारी जिम्मेदारी है उस आंदोलन को मजबूत करने के लिए गांव गांव में खेतों खलिहानो में जाकर किसानों को तीनों कृषि कानूनों के संबंध में समझाएं उनमें जागरूकता पैदा करें आने वाले समय में 2022 का चुनाव यह तय करेगा इस देश में किसानों का राज होगा या पूंजीपति कारपोरेट का राज होगा। 

किसान सभा के उपाध्यक्ष त्रिभुवन शर्मा ने कहा कि गागा पाटी, सराय गनई, रसोईया, अमरपुर, कर्मा जीतपुर आदि गांव में बिना मुआवजा दिए बिना टेंडर के सड़क का निर्माण खेतों में खड़ी फसलों को उजाड़ कर किया जा रहा है किसान सभा इसका विरोध करेगी और किसानों को मुआवजा दिलवाकर ही रहेगी।

किसान पंचायत में किसान आंदोलन को समर्थन एवं बल प्रदान करने के लिए जन जागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।

किसान पंचायत को प्रमुख रूप से राम बरन सिंह, पुष्पेंद्र विश्वकर्मा, बीएन ओझा ,बेचन अली, हेमंत नंदन ओझा, राजमणि पांडेय ने संबोधित किया।

किसान पंचायत में प्रमुख रूप से देवेंद्र शुक्ला एडवोकेट, राजीव पाल ,आरडी यादव ,मोहनचंद प्रधान , जीतेंद्र बहादुर सिंह ,राम बहादुर यादव, संतलाल ,डॉक्टर मनोज वर्मा ,विजय आनंद त्रिपाठी, कमल गौतम, वंदना, लल्लू पाल ,मोहम्मद जमील, महाराज दीन यादव, संतलाल सरोज ,राम कैलाश, मोहम्मद मोनिश, गुलाम रजा ,तौसीफ अहमद, शाहिदुल,  लल्लू, उमाशंकर , राम लखन ,सुरेश पटेल, पन्नालाल मौर्य, शिव बहादुर यादव, शिव मूरत सिंह,  शिवाकांत यादव आदि उपस्थित रहे।

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