बेमौसम बारिश ने मचाया कोहराम, जनजीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त

प्रतापगढ
21.05.2021
रिपोर्ट--मो.हसनैन हाशमी
बेमौसम बारिश ने मचाया कोहराम,जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त
प्रतापगढ़ जनपद में बुधवार को दिन भर रुक रुक कर बारिश होती रही जिससे लोगों में भागदौड़ मची रही । मालूम हो कि बुधवार को लग्न थी। शादी विवाह आदि कार्यक्रम काफी मात्रा में आयोजित थे । जिसमें इस बारिश ने भारी व्यवधान पैदा किया। घराती बाराती भागते नजर आए । कुछ लोग सर छुपाने के लिए जगह ढूंढ रहे थे, तो कहीं टेंट के नीचे खडे़ कुछ लोग
भीग कर भोजन ले रहे थे। विचारणीय है कि कोरोना महामारी के चलते सरकार ने सामाजिक कार्यक्रमों के लिए जो एक मानक तय किया है 50 व्यक्तियों के खुले मे, तो दूसरी ओर कोरोना जैसी महामारी को खुलेआम दावत दिया जा रहा है । कोरोना गाइडलाइन पूरी तरह विफल है , और लोग खुली जगह पर शामिल होने का कोई मानक नहीं मार रहे हैं। खुली जगह में शामिल होने वालों का का कोई मानक ना रह जाने का भ्रम लोगों में पैदा हो गया है फलस्वरूप खुली जगह पर लोग सैकड़ों की संख्या में शामिल हो रहे हैं। इस प्रकार शामिल होने वाले लोग गाइडलाइन को पलीता लगाते हुए बेफिक्र दिख रहे हैं भय है कि इसी भारी भीड़ के बीच में कोई एक कोरोना वर्ल्ड हो सकता है जो सभी लोगों को संक्रमित कर सकता है और सबके जान की आफत बन सकती हैं। इस प्रकार हो रही अनदेखी खुलेआम गाइडलाइन की धज्जियां उडा रही है ।सैकड़ों की संख्या में लोग बारातों में शिरकत कर रहे हैं ।जिससे एक ओर गाइड लाइन की अनदेखी हो रही है। प्रशासन की सारी व्यवस्था सिर्फ कागजों में है लोगों में इस कोरोनावायरस को लेकर जरा भी जागरूकता नहीं है, और ना ही प्रशासन फिक़मंद है। इन तमाम चीजों को ध्यान में रखते हुए कोरोना जैसी महामारी को रोकने और इससे लड़कर जीत पाने की कल्पना तो कोरा दिवा स्वप्न है। यदि सचमुच देश को कोरोना वाइरस को हराना है, तो प्रशासनिक ढांचे के साथ आम जनता को भी सक्रिय भागीदारी निभानी होगी और ऐसा न कर पाने पर कोरोना की महामारी को रोक पाना संभव नहीं है इस महामारी को अभी तक लोग बहुत ही हल्के में ले रहे हैं जबकि कोरोना भयानक, क्रूर रूप लेकर समाज में अपनी पैठ बना रहा है और लोगों को संक्रमित कर जान ले रहा है कोरोना का बढ़ता प्रसार, बदलता स्वरूप और ब्लैक फंगस का कहर आम लोगों के बीच में दहशत पैदा कर रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए सचमुच आम नागरिक की सहभागिता मुख्य है प्रशासनिक व्यवस्था के भरोसे मौत को आमंत्रण देना हमारी लापरवाही के साथ समाज कल्याण की अनदेखी करना भी है। इस समय कोरोनावायरस के साथ बेमौसम हुई कई घंटों की बारिश मौसम खुशनुमा बना है, लोगों को गर्मी से राहत अवश्य मिली परंतु डायरिया जैसे रोगों के लिए यह खुला आमंत्रण भी है आम नागरिक यदि सजग नहीं हुए तो कोरोनावायरस के बीच यदि कहीं डायरिया जैसा रोग उभरा ,तो प्रशासन के लिए भारी मुश्किल पैदा हो सकती है प्रशासन जिस प्रकार अपने कार्य में लगा हुआ है उसी तरह आम नागरिकों की सहभागिता ही कोरोनावायरस से सच्ची लड़ाई होगी जिससे कोरोना को हराकर देश जीत सकता है।
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