तम्बाकू के उपयोग से भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे अधिक- डॉ. हरिराम

तम्बाकू के उपयोग से भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे अधिक-  डॉ. हरिराम

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Report- Zahid Akhtar

तम्बाकू के उपयोग से भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या सबसे अधिक-  डॉ. हरिराम

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 1987 से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (no tobacco day) के रूप में मनाया जा रहा है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाए जाने के पीछे इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि इसके उपभोग से होने वाले दुष्परिणाम से लोगों को जागरूक किया जा सके साथ ही तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाई जा सके। विश्व तम्बाकूस निषेध दिवस पर अपनी विशेष टिप्पणी देते हुए राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय दांत संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हरिराम ने बताया कि   इसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू के स्वास्थ्य पर होने वाले खतरे और साइड इफेक्ट को लेकर जागरुक करना है तथा उन्हें इस चीज के इस्तेमाल से दूर करना है।

 तम्बाकू से नुक़सान - डॉ. हरिराम ने बताया कि पूरे विश्व में तम्बाकू का प्रयोग किसी न किसी रूप होता है लेकिन हमारे देश भारत में तम्बाकू का प्रयोग सिगरेट , बीड़ी , खैनी, पान , हुक्का, चिलम ,दोहला  और पान मसाला के रूप में होता है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू में निकोटीन के अतिरिक्त कई कारसिनोजेन ( कैंसरकारक तत्व) पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में कैंसर रोग को बढ़ावा देते होने हैं। इसके अतिरिक्त तम्बाकू से सब म्यूकस फ़ाईबरोसिस  और अपच दाँत ख़राब होने की समस्या भी होती है।

 बचाव -

1. तम्बाकू से होने वाले नुक़सान की जानकारी देकर।

2. Counselling या मनो वैज्ञानिक सलाह देकर।

3.  दृढ़ इच्छा शक्ति के द्वारा।   विश्व में भारत का छठा स्थान - केजीएमयू दंत संकाय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हरिराम ने बताया कि ओरल कैंसर के केस में भारत विश्व में छठे स्थान पर है जबकि अन्य विकसित देशों में ओरल कैंसर भारत की तुलना में बहुत कम है। दक्षिण एशिया में तम्बाकू प्रयोग अधिक होने से ओरल कैंसर अधिक होता है

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