सीजन खत्म, फिर भी गन्ना किसानों का करोड़ों डकारे बैठी हैं चीनी मिलें

सीजन खत्म, फिर भी गन्ना किसानों का करोड़ों डकारे बैठी हैं चीनी मिलें

Prakash Prabhaw News

पीलीभीत न्यूज


सीजन खत्म, फिर भी गन्ना किसानों का करोड़ों डकारे बैठी हैं चीनी मिलें

पीलीभीत(नीलेश चतुर्वेदी): जनपद में गन्ना पेराई सत्र समाप्त हुए करीब एक माह का समय बीत चुका है, मगर गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 496.45 करोड़ रुपया बकाया अब भी चल रहा है। चीनी मिलों को इस बात की बिल्कुल चिंता नहीं है कि किसानों का बकाया देना भी है। सर्वाधिक खराब स्थिति बरखेड़ा चीनी मिल की है। इस चीनी मिल पर किसानों की 259.22 करोड़ की देनदारी बरकरार है।

जनपद में चार चीनी मिलें हैं। सभी में गत वर्ष नवंबर में पेराई सत्र शुरू किया गया था। चारों चीनी मिलें 400.71 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर मई में बंद हो गई थीं।

पेराई सत्र समाप्त हुए एक माह से अधिक का समय बीत चुका है, मगर इन चीनी मिलों ने अब तक 496.45 करोड़ रुपये गन्ने का बकाया भुगतान किसानों को नहीं किया है। इसमें शहर स्थित एलएच चीनी मिल पर 150.82 करोड़ रुपये का बकाया है, जबकि बीसलपुर मिल पर 49.43 करोड़, पूरनपुर चीनी मिल पर 36.96 करोड़ रुपये की देनदारी है। गन्ने का बकाया मूल्य देने में बरखेड़ा चीनी मिल गत वर्ष की तरह इस बार भी सबसे फिसड्डी साबित हो रही है।

इस चीनी मिल पर किसानों का सर्वाधिक 259.22 करोड़ रुपये बकाया है। इधर रबी सीजन के दौरान हुई आंधी-बारिश के अलावा कोरोना के लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल है। चीनी मिलें किसानों को बकाया गन्ना भुगतान समय पर कर दें तो किसानों को इसमें खासी राहत मिल सकती है, मगर किसी भी मिल मालिक को किसानों का बकाया भुगतान करने की चिंता नहीं है। 

क्या कहते हैं आला अधिकारी

चीनी मिलें लगातार बकाया भुगतान कर रही हैं। एलएच चीनी मिल ने शुक्रवार को नौ अप्रैल तक खरीदे गन्ने का भुगतान कर दिया है। बरखेड़ा मिल ने 18 मार्च और बीसलपुर ने छह मार्च और पूरनपुर चीनी मिल ने 13 फरवरी तक का भुगतान अब तक किया है। बाकी बकाया भुगतान भी जल्द कराया जाएगा। -जितेंद्र मिश्र, जिला गन्ना अधिकारी

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