मतदाता सूची में डुप्लीकेट नाम लोकतंत्र के लिए खतरा
- Posted By: Admin
- खबरें हटके
- Updated: 3 November, 2025 17:31
- 110

मतदाता सूची में डुप्लीकेट नाम लोकतंत्र के लिए खतरा
लोकतंत्र की नींव पर प्रहार! मतदाता सूची में हजारों डुप्लीकेट नाम, लोकदल ने लगाया प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर आरोप।
निष्पक्ष चुनाव पर संकट! अध्यक्ष सुनील सिंह ने तत्काल जाँच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग की।
लोकदल अध्यक्ष सुनील सिंह ने सोमवार को एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि मतदाता सूची में डुप्लीकेट नामों का होना लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है और यह सरकार की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है।
सुनील सिंह ने ज़ोर देते हुए कहा कि पीलीभीत, वाराणसी, बिजनौर और हापुड़ जैसे जिलों में हजारों की संख्या में डुप्लीकेट मतदाता नाम दर्ज किए गए हैं, जो चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गहरी चोट है। उन्होंने इसे महज़ एक तकनीकी गलती मानने से इंकार करते हुए मतदाता सूची की गंभीर अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण बताया।
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति का नाम दो या तीन बार दर्ज होना, खासकर पंचायत चुनाव जैसे संवेदनशील लोकतांत्रिक अभ्यास में, मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर सीधा प्रश्नचिह्न लगाता है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है।
लोकदल अध्यक्ष ने राज्य चुनाव आयोग और शासन से तत्काल विशेष अभियान चलाकर मतदाता सूची को शुद्ध करने की अपील की। उन्होंने सख्त माँग की कि जिन ब्लॉकों में ये डुप्लीकेट नाम पाए गए हैं, वहाँ के जिम्मेदार अधिकारियों की तुरंत जाँच की जाए और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई हो। इसके अलावा, उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को सत्यापित मतदाता सूची की एक प्रति उपलब्ध कराने की भी माँग की।
सुनील सिंह ने चेतावनी दी कि लोकतंत्र की जड़ें पारदर्शिता पर टिकी होती हैं, और अगर मतदाता सूची ही संदिग्ध होगी, तो चुनाव निष्पक्ष नहीं रह सकते।
Comments