दुधवा महोत्सव नवंबर में, तीन दिनों तक होगा भव्य आयोजन

दुधवा महोत्सव नवंबर में, तीन दिनों तक होगा भव्य आयोजन

PPN NEWS

लखनऊ।

04 सितंबर 2025


उत्तर प्रदेश सरकार पहली बार राज्य वन क्षेत्र में दुधवा महोत्सव-2025 का आयोजन करने जा रही है। पर्यटन विभाग की ओर से यह महोत्सव आगामी नवंबर माह में लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व में होगा। यह महोत्सव अपने आप में अनोखा होगा, जिसमें आवासीय, सांस्कृतिक और वन्यजीव आधारित गतिविधियां शामिल होंगी। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, कि इस आयोजन में देश-विदेश से पर्यटकों के शामिल होने की संभावना है, जिससे प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।


पर्यटन मंत्री ने बताया, तीन दिवसीय दुधवा महोत्सव में पर्यटक न सिर्फ वन क्षेत्र की खूबसूरती के साथ प्रकृति का आनंद उठा सकेंगे, बल्कि थारू जनजाति की अनोखी संस्कृति, खानपान, हस्तशिल्प और जीवनशैली को भी करीब से देख-समझ पाएंगे। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देना, प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और स्थानीय संस्कृति का उत्सव मनाना है।'


राज्य की प्राकृतिक विविधता को मिलेगा मंच

मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, दुधवा महोत्सव-2025 की थीम 'ईको-टूरिज्म, नेचर एंड कल्चर सेलिब्रेशन' रहेगी। उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड महोत्सव से संबंधित कार्ययोजना पर विस्तार से काम कर रहा है। उन्होंने बताया, यह महोत्सव राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधता को दुनिया के सामने लाने का जरिया बनेगा। दुधवा महोत्सव एक ऐसा मंच होगा, जो प्रकृति प्रेमियों, परिवारों, कलाकारों, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों को समग्र अनुभव प्रदान करेगा। वन्यजीव सफारी, गाइडेड टूर और जैव विविधता का अनुभव दुधवा महोत्सव का मुख्य आकर्षण होगा।'


दुधवा महोत्सव का उद्देश्य

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को देश के प्रमुख इको-पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से दुधवा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में संरक्षण, संस्कृति, वेलनेस और रोमांच को जोड़कर आगंतुकों को एक अनूठा इको-पर्यटन अनुभव प्रदान किया जाएगा। विभागीय प्रयास है कि पर्यटक सुरक्षित वातावरण में विभिन्न गतिविधियों का आनंद लें और उच्च स्तरीय सेवाओं के साथ मनोरंजन का अनुभव प्राप्त करें।


दुधवा में आगंतुकों के लिए कई आकर्षण

उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की पहल से दुधवा में हाल के वर्षों में इको-पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। देशभर से वन्यजीव प्रेमी, शोधकर्ता, स्कूली छात्रों का समूह और फोटोग्राफर लगातार आकर्षित हुए हैं। इसी बढ़ते रुझान को गति देने और इको-टूरिज्म को और अधिक सुलभ व आकर्षक बनाने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग दुधवा महोत्सव आयोजित कर रही है। तीन दिवसीय यह महोत्सव वन्यजीव संरक्षण, वेलनेस, जनजातीय धरोहर, इको-स्पोर्ट्स, संगीत और सामुदायिक भागीदारी जैसे विषयों का अनूठा संगम प्रस्तुत करेगा। 


महोत्सव में आगंतुकों को गाइड के साथ नेचर वॉक, बर्ड वाचिंग सेशन, ग्रामीण कल्चरल टूर, प्रकृति के साथ योग और बच्चों के लिए इको कैंप जैसे आकर्षण भी होंगे। इसके अलावा एडवेंचर एवं इको स्पोर्ट्स के अंतर्गत वाल क्लाइम्बिंग, साइकिल ट्रैक, इंडोर गेम्स सहित अन्य व्यवस्थाएं होंगी। महोत्सव के दौरान 250 टेंट की व्यवस्था होगी, जिसमें 50 लग्जरी और 200 डिलक्स होंगे। इसके अलावा सेल्फी जोन भी बनाया जाएगा। सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। आयोजन के दौरान प्रतिदिन 1,000 देशों के बैठने की व्यवस्था रहेगी जिसमें 200 वीआईपी एवं शेष अन्य के लिए होगा।    


'महोत्सव से दुधवा को मिलेगी वैश्विक पहचान'

उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, 'लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश के प्रमुख वन्य जीव स्थलों में से एक है। यह नेपाल सीमा से सटा है, जहां बाघ, हाथी, बारहसिंगा, गैंडा समेत पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती हैं। इस महोत्सव से न केवल दुधवा का नाम राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगा, बल्कि स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। पर्यटन विभाग का निरंतर प्रयास है कि प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ समृद्ध प्राकृतिक क्षेत्रों को भी पर्यटन नक्शे पर लाया जाए। दुधवा महोत्सव जैसे प्रयास रोजगार और राज्य की पहचान दोनों को विशिष्टता प्रदान करेंगे।'


बुनियादी ढांचे को कर रहे मजबूत

निदेशक यूपी टूरिज्म (इको) प्रखर मिश्रा ने कहा, 'दुधवा महोत्सव प्रदेश के वन्यजीव और समृद्ध जैव विविधता को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने का महत्वपूर्ण अवसर है। महोत्सव के माध्यम से आगंतुकों को दुधवा की प्राकृतिक धरोहर, जनजातीय संस्कृति और ग्रामीण जीवनशैली से परिचित कराया जाएगा। साथ ही, इको-फ्रेंडली कैम्पिंग, जंगल सफारी, लोक कला प्रस्तुतियां आदि का आनंद ले सकेंगे। इसके लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, पर्यटन सुविधाओं के विस्तार और स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।'


उत्तर प्रदेश में पर्यटन राज्य की सबसे बड़ी सेवा क्षेत्रों में से एक बन चुका है। यह क्षेत्र न केवल आर्थिक विकास को गति दे रहा है, बल्कि रोजगार सृजन और वैश्विक पहचान में भी अहम भूमिका निभा रहा है। अपनी भौगोलिक विविधता, प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक महत्व के कारण प्रदेश आज एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में तेजी से उभर रहा है।

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