उम्मीदवारों की घोषणा के बाद,बागी उम्मीदवारों को रोक पाना भाजपा के लिए होगा मुश्किल!!

उम्मीदवारों की घोषणा के बाद,बागी उम्मीदवारों को रोक पाना भाजपा के लिए होगा मुश्किल!!

Prakash Prabhaw News

उम्मीदवारों की घोषणा के बाद,बागी उम्मीदवारों को रोक पाना भाजपा के लिए होगा मुश्किल!!

 

प्रदेश मुख्यालय से होगी उम्मीदवारों की घोषणा


पी पी एन न्यूज

(कमलेन्द्र सिंह)

फ़तेहपुर।

जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव भारतीय जनता पार्टी खुद लड़ाएगी। इसी बात को लेकर पार्टी ने जो रणनीत बनाई है,उसमें चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों का एक पैनल प्रदेश मुख्यालय भेजा गया है।

भेजे गए पैनल के आधार पर ही भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। जो जल्द होने जा रही है। उम्मीदवारों की घोषणा के बाद क्या  बागी उम्मीदवारों को रोका जा सकेगा।इस तरह के प्रश्न  अभी से ही उठने लगे हैं।

  भाजपा पहले ही  पंचायती चुनाव में अपनी भागीदारी को लेकर संकेत दे चुकी थी। अब  पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी किसी भी कीमत पर भाजपा गवाना नहीं चाहती। इसी बात को लेकर पार्टी हर हथकंडा अपनाने का मन बना लिया है। अभी तो पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से बातचीत के बाद उम्मीदवारों का पैनल बनाया है।

जनपद में 46 जिला पंचायत सदस्यो का चुनाव होना है। सूत्रों की माने तो भाजपा जिला नेतृत्व ने जो उम्मीदवारों का पैनल बनाया है उसमें कुछ सीटों पर 2-2उम्मीदवारों का नाम रखा है। जबकि कई सीटें ऐसी हैं जिनमें 3 का पैनल भेजा गया है। भाजपा जिला नेतृत्व पैनल तैयार कर प्रदेश मुख्यालय भेज चुका है। उम्मीदवारों की घोषणा प्रदेश मुख्यालय से की जानी है।

  पंचायती चुनाव की घोषणा के बाद यदि क्षेत्र की स्थिति देखी जाए तो कई ऐसे इलाके हैं जहां भाजपा के ही कई कार्यकर्ता एक ही क्षेत्र में अपना अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

भाजपा यदि अपना अधिकृत उम्मीदवार ऐसे क्षेत्रों में उतारती है तो फिर उसके सामने बागी उम्मीदवारों को रोक पाना मुश्किल होगा। इस काम के लिए उसे कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।

फिर भी कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां भाजपा के ही उम्मीदवारों से भाजपा के ही कार्यकर्ता टकराएंगे।एक दूसरे को मात देने के लिए हर हथकंडे भी अपनाएंगे। ऐसे में भाजपा के सामने उहा पोह की स्थिति उत्तपन्न हो सकती है। किसे अपनाएं और किसे ना अपनाएं।

जो जिला नेतृत्व से लेकर प्रदेश संगठन तक मुसीबत खड़ी कर सकती है। सूत्रों की माने तो क्षेत्रीय विधायकों के बताए नमो के बाद संगठन ने अपने नामों को भी पैनल में भेजा है।

संगठन को इस बात का विश्वास है कि पैनल में जो नाम भेजे गए हैं उनकी जीत सुनिश्चित मानी जा सकती है। नामों का पैनल पूरी तरह से गोपनीय।

जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कई कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि सवाल खड़ा कर नई मुसीबत को जन्म दे सकते हैं।

 सवाल पूछ सकते हैं कि उनके द्वारा बताए गए नामों के आधार पर उम्मीदवारों की घोषणा क्यों नहीं की गई।

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