900 साल बाद लगा कंकणाकृति सूर्य ग्रहण, पीलीभीत में बंद रहे देवालय
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- Updated: 21 June, 2020 23:56
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पीलीभीत न्यूज
900 साल बाद लगा कंकणाकृति सूर्य ग्रहण, पीलीभीत में बंद रहे देवालय
पीलीभीत(नीलेश चतुर्वेदी): 900 साल बाद 21 जून को दुर्लभ सूर्य ग्रहण सुबह सवा नौ बजे आरंभ हुआ। सुबह से ही आकाश में बादल छाए रहे। देर रात हुई बारिश के बाद सुबह तक बूंदाबांदी होती रही। सवा नौ बजे के पहले ही अधिकांश लोग घरों में कैद हो गए। देवालयों के कपाट शनिवार रात से ही बंद रहे। बालाजी ज्योतिष संस्थान के पंडित राजीव शर्मा ने बताया कि सूर्यग्रहण का आरंभ सुबह 9:16 बजे होगा। लेकिन स्पर्श का समय हर शहर में अलग-अलग है।
उन्होंने बताया कि यह सूर्य ग्रहण करीब 900 साल बाद घटित हो रहा है। ग्रहण में गंगा स्नान करने से पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है। ग्रहण के आरंभ और ग्रहण पूर्ण होने पर भी स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि जो व्यक्ति मोक्ष के बाद स्नान नहीं करता है, पर तब सूतक लगा रहता है, जब तक दूसरा ग्रहण नहीं आ जाता। ग्रहण काल में किया गया अनुष्ठान फलदायी होता है।
देवालयों के कपाट रहे बंद
शहर के सभी देवालयों के कपाट रात में बन्द हो गए। पंडित राजीव शर्मा ने बताया कि सूर्य ग्रहण के समय मंदिरों में पूजन वर्जित होता है। शनिवार रात में सूतक शुरू होते ही मन्दिरों के पट बन्द कर दिए गए। मंदिर कमेटियों के आग्रह पर ग्रहणकाल के दौरान भक्त भजन, कीर्तन किया।
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