सत्ता संरक्षण में मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं मोरंग माफिया!
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- Updated: 30 May, 2022 09:47
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पी पी एन न्यूज
सत्ता संरक्षण में मानकों की धज्जियां उड़ा रहे हैं मोरंग माफिया!
(कमलेन्द्र सिंह)
फतेहपुर
अवैध खनन को लेकर जिला लंबे अर्से से सुर्खियों में है. अवैध खनन को लेकर जो भी विरोध या कार्यवाही की कवायद है वह केवल मलाई में हिस्सा पाने की जद्दोजहद ही दिखती है. शर्तों पर सत्ता का आशीर्वाद, जितना माल उतना महकमें का सहयोग, खिराज पर इलाकाई दादुओं की दुआ और भारी-भारी गाड़ियों में असलहाधारी मवालियों की फौज ! यह सब मिलाकर मोरम खदान इलाकों पर माफिया अपनी स्वयं की समानान्तर सरकार चलाते दिखते हैं ।
न ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों की परवाह, न खनन अनुबंध के अनुसार मानकों का ख्याल, न प्रशासन का भय और न ही पुलिसिया कार्रवाई की चिंता...यमुना की धाराओं में बेखौफ चल रहे लिफ्टर, भारी पोकलेन मशीनों की गड़गड़ाहट, खुल्लमखुल्ला ट्रकों में ओवरलोडिंग और फर्जी रवन्नों(रेवेन्यू रिसीप्ट) से राजस्व की लूट!... यह सभी रायफलों के साये में माफिया की समानांतर व्यवस्था की झांकी है।
ऐसा नहीं है कि जिले में अवैध खनन को लेकर शासन और सरकार द्वारा कभी कोई ऐक्शन न लिया गया हो। कमिश्नर से लेकर डीएम, एसडीएम और खनन अधिकारी सहित सम्बंधित इलाके के राजस्व और पुलिसकर्मियों तक पर निलम्बन की गाज गिर चुकी है । लेकिन न तो अधिकारियो ने कोई सबक लिया और न माफिया पर कोई फर्क ही पड़ा।
सत्ता किसी की भी हो, झंडा बदलने में माहिर माफिया अपने आकाओं द्वारा अधिकारियों पर राजनीतिक दबाव भी डलवाता है और धंधे की नजाकत के कारण खरीद भी लेता है। शायद इसीलिए यह निर्वाचित जन सेवकों का सशर्त आशीर्वाद प्राप्त करके लाल सोने की लूट में छूट के साथ बदस्तूर कायम है।
हैरतअंगेज यह भी कम नहीं कि करोड़ों की राजस्व बकायेदार फर्मे जो ब्लैकलिस्ट हैं उन्हीं के कर्ताधर्ता दूसरी फर्म बनाकर और दूसरे को सामने रखकर खनन खंड लेते रहते हैं और खनिज विभाग में करोड़ों की सरकारी बकायेदारी बढ़ती रहती है। यह कहने में गुरेज नहीं कि इस संगठित आर्थिक अपराध को जहां सत्ता का संरक्षण हासिल है वहीं माफिया को सरकारी मुलाजिमों का भरपूर सहयोग भी मिल रहा है। सवाल तो उठते ही रहेंगे लेकिन "नक्कारखाने में तूती की आवाज" भला कौन सुनता है ?
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