प्रतिबंधित पक्षियों की तस्करी करने वाले हुए गिरफ्फ्तार

PPN NEWS
लखनऊ
यूपी एसटीएफ ने संरक्षित/ प्रतिबंधित पक्षियों की तस्करी करने वाले गिरोह के दो अंतरराज्जीय तस्करों को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अभियुक्त मोहम्मद असर व दीपक है जो प्रतिबंधित पक्षियों की तस्करी करते थे इन दोनों अभियुक्तों को 270 प्रतिबंधित पक्षियों के साथ यूपी एसटीएफ नें लखनऊ से गिरफ्तार किया है।
परंपरा स्वरूप वाहवाही और दिखावे भरी छापेमारी कई वर्षों से चली आ रही है। वन विभाग और चौक पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से हुई छापेमारी में पूर्व में कई तस्कर गिरफ्तार किये जा चुके है। नियम सख़्त भले हो लेकिन सतह से ग़ायब है। हालांकि जिम्मेदारों की सरपरस्ती से आरोपी फल फूल रहे है।
बड़े-बड़े पक्षी प्रेमी तमाम तरह की क़वायद करने के पक्षधर बने घूमते है लेकिन मैं आज़ाद हूं तमाम बैनर तले इन बेजुबानों के मूल अधिकारों को पहचानते तक नही है। जिन्हें वास्तविक पटल पर आज़ाद रहना था आज वह पिजड़े में क़ैद है।
मूल व्यवस्था वाले इस सभ्य समाज में सभ्यता का गला रुंध रहा है और संवेदना चीत्कार स्वरूप में चीख रही है। हैरत की बात है कमिश्नरेट प्रणाली के अधिकारों में इस तरह के आरोपी पर सख्ती की कमान दी गई है। बावजूद ज़िम्मेदारों को तमाम विवेचनाओं से फुर्सत ही नही है। जबकि वन्यप्राणी-जीवजंतु को कैद करके रखना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा मैं नही बल्कि नियम वाली विधि कहती है।
भारतीय वन अधिनियम 1972 के अंतर्गत यदि कोई वन्य जीवों की बिक्री करता है तो सीधे तौर पर वन अधिनियम के तहत उसपर सख्त कार्रवाई की जाती है। वन्यप्राणी की तस्करी को अपराध कहा जाता है। जबकि पुलिस को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत कार्रवाई का अधिकार भी प्राप्त है। बावजूद विभागीय शिथिलता निरंतर जारी है।
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